pcod best exercise – जानिए pcod में कौन सा एक्सरसाइज करनी चाहिए
PCOD (Polycystic Ovary Syndrome) ख़राब लाइफस्टाइल की वजह से होने वाली एक होर्मोंल बीमारी है । इस बीमारी को लाइफस्टाइल में बदलाव करके, खानपान में सुधार करके और नियमित एक्सरसाइज से कण्ट्रोल किया जा सकता है । pcod को ठीक करने के लिए लाइफस्टाइल और आहार जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही एक्सरसाइज । PCOD में अक्सर वजन बढ़ने की समस्या होती है, जिससे इंसुलिन संतुलित नहीं रहता है और हॉर्मोनल असंतुलित हो जाता है। एक्सरसाइज करने से हार्मोन्स के संतुलन में सुधार आता है, जिससे पीरियड को रेगुलर बनाए रखने में मदद मिल सकता है। अगर आप नियमित एक्सरसाइज करती है, तो वजन को कम करने के साथ ही मोटापे की वजह से होने वाली कई बीमारियों से भी बचा जा सकता है ।
pcod में कौन सा एक्सरसाइज करनी चाहिए
pcod को ठीक करने के लिए कौन सा एक्सरसाइज करना चाहिए इससे कही ज्यादा महत्वपूर्ण है, एक्सरसाइज को अपने लाइफ का हिस्सा बनाना । अगर आपको pcod है तो अपने शहर के किसी डॉक्टर या किसी सर्टिफाई gym ट्रेनर से सलाह लेकर वर्कआउट शुरू करनी चाहिए । हर किसी की बॉडी टाइप, मेडिकल प्रॉब्लम, जीवनशैली, गतिविधियां अलग-अलग होती है इसलिए एक ही तरह की एक्सरसाइज सबको फायदा पहुचाये ये जरुरी नही होता, इसलिए एक्सरसाइज करने से पहले सलाह जरुर ले ।
अब बात करते है pcod में कौन सा एक्सरसाइज करनी चाहिए, pcod को ठीक करने के लिए आप ऐसे एक्सरसाइज और गतिविधियों को चुने जो वास्तव में आपको पसंद हों । चाहे वह gym हो , एरोबिक हो , योग हो, नृत्य हो, तैराकी हो, लंबी पैदल यात्रा हो या कोई ऐसा खेल हो जिसे आप पसंद करते हों, मनपसंद व्यायम चुनने से आपको उसके प्रति उत्साह रहेगा और आप लम्बे समय तक वर्कआउट कर पाएंगे इस बात का ध्यान रखे नियमितता बहुत जरुरी है । स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, कार्डियो और योगासन आपके पास बेहतर विकल्प हैं । स्ट्रेंथ ट्रेनिंग फिजिकल स्ट्रेंथ के साथ मसल्स को मेनेज करता है, कार्डियो हार्ट को हेल्थी रखने में मदद करता है, और योग काम करता है बॉडी को फ्लेक्स्बिल्ल बनाने में ।
pcod के लिए बेस्ट एक्सरसाइज – What is the best exercise for PCOD-
pcod से पीड़ित फीमेल्स में वजन बढ़ने की समस्या होती है, इन्सुलिन का लेवल बढ़ा हुआ होता है । वजन को कम करने के लिए और इन्सुलिन के स्तर को कम करने के लिए कार्डियो, और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग बेस्ट एक्सरसाइज होती है । लेकिन जैसे पहले भी कहा गया है की कोई सा भी एक्सरसाइज शुरू करने से पहले डॉकटर या ट्रेनर का सलाह जरुर ले, कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिग से वजन, पेट की चर्बी और फास्टिंग इंसुलिन के स्तर को कम करने में मदद मिलता है ।
अगर आपने अभी हाल ही में एक्सरसाइज शुरू किया है तो वर्कआउट को धीरे-धीरे अपनी स्ट्रेंथ के हिसाब से करे, कुछ माह हो सके तो सिर्फ बॉडी वेट ट्रेनिग करे , अचानक से कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिग करने शरीर को नुकसान पहुच सकता है । अगर आप लम्बे समय से वर्कआउट कर रहे है तो पहले स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कीजिये उसके बाद कार्दियों ट्रेनिंग करे, pcod के लिए संतुलित वर्कआउट रूटीन में कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग दोनों शामिल होनी चाहिए। कार्डियो वर्कआउट, जैसे तेज चलना या साइकिल चलाना और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग आपको अपनी मांसपेशियों को बेहतर करने में मदद करेगा, और इससे आपकी मेताब्लोजिम दर में सुधार होगा, और आपको अधिक कैलोरी जलाने में मदद मिलेगी।
pcod में स्ट्रेंथ ट्रेनिग के फायदे
जिनको pcod है , इन्सुलिन रेजिस्टेंस है , मधुमेह है , थाइरोइड है, ह्दय रोग है , बहुत ज्यादा वजन है ऐसे लोगो के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग बहुत फायदेमंद होता है । एक उम्र के बाद मासपेशियों में चर्बी बढ़ने लगता है, महिलाओं में खासकर के 30 साल के बाद जन्घो की मास्पेशियाँ कम होने लगता है और इन्टरनल चर्बी बढ़ने लगता है, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग चर्बी को एक जगह इक्कठा नहीं होने देता और शरीर में जमे अतिरिक्त फैट का उपयोग करके मासपेशियों की आकर को बढ़ाता है ।
pcod में अंडाशय के आसपास चर्बी जमा होने लगता है, अंडाशय पर भार बढ़ जाता है, जिसके कारण अंडाशय ठीक से कार्य नहीं कर पाता है । होरमोन इन बैलेंस हो जाता है, जिसके कारण पीरियड सही समय पर नहीं आता ऐसे में अगर आप नियमित एक्सरसाइज करते है तो अंडाशय के पास जमी फैट कम होता है, जिससे अंडाशय स्वतंत्र रूप से कार्य करना शुरू कर देता है, पीरियड को रेगुलर लेन में काफी हेल्प करता है स्ट्रेंथ ट्रेनिंग । स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से गर्भधारण करने में भी मदद मिलता है, और सेक्स लाइफ को इम्प्रूव करने का काम करता है, हफ्ते में कम से कम तीन दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करना चाहिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग – पुशअप्स, पुलअप्स, स्क्वाट्स जैसे ।
pcod में कार्डियो ट्रेनिंग के फायदे
मोटापा pcod होने के प्रमुख कारणों में से एक, pcod से पीड़ित फीमेल्स में अक्सर वजन बढ़ने की समस्या की होती हैं, कार्डियो एक्सरसाइज वजन को कम करने में मदद सकता है । कार्डियो वसा जलाने का एक शानदार तरीका है, कार्डियो एक्सरसाइज जैसे दौड़ना, साइकिल चलाना, तैराकी और तेज चलना वजन घटाने में मदद करते हैं। pcod से पीड़ित महिलाओं में पुरुषो में पाए जाने वाली एंड्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ा हुआ होता है, जिसके कारण फीमेल्स में पुरुषो वाले लक्ष्ण देखने को मिलता है , जैसे आवाज का भारी होना , दाढ़ी पर बाल , अगर आप नियमित कार्डियो एक्सरसाइज करती है तो एंड्रोजन हार्मोनल संतुलन में सुधार होता है, इसके साथ ही चिंता और अवसाद को कम करता है । कार्डियो एक्सरसाइज से हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है और रक्तचाप नियंत्रित रहता है। कार्डियो वर्कआउट, जैसे तेज चलना या साइकिल चलाना, कैलोरी बर्न करने में मदद करते हैं ।
एक्सरसाइज बेनिफिट फॉर pcod
वजन को कम करता है – ऐसे महिला जिनका वजन ज्यादा होता है, उनमे pcod के लक्षण पाया गया है, मोटापा pcod होने के प्रमुख कारणों में से एक है, एक्सरसाइज से वजन को नियंत्रित किया जा सकता है ।
हार्मोनल संतुलन – होर्मोन बिगड़ने की वजह से pcod होता है, वही अगर आप अपनी पसंद की कोई सा भी नियमित एक्सरसाइज करने से हार्मोन्स का संतुलन सुधारता है जो PCOD के रोगियों के लिए महत्वपूर्ण होता है। एक्सरसाइज के ये भी फायदे होता है यह मासिक धर्म के नियमित आने में मदद कर सकता है और अन्य हार्मोनल संबंधित समस्याओं को कम कर सकता है ।
इन्सुलिन संतुलन: PCOD के रोगियों में इन्सुलिन के स्तर में असंतुलन हो सकता है , इन्सुलिन इन बैलेंस होने के कारण कई तरह की प्रॉब्लम होता है, इन्सुलिन जिससे डायबिटीज़ का खतरा बढ़ सकता है। एक्सरसाइज करने से इन्सुलिन का संतुलन सुधारता है और डायबिटीज़ जैसे खतरों को कम किया जा सकता है।
मानसिक संतुलन : एक्सरसाइज करने से मानसिक तनाव चिंता को कम करने में मदद मिलता है । एक्सरसाइज करने से शारीरिक गतिविधियों को संतुलित करने के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी समर्थन मिलता है ।
PCOD- योग के फायदे
- pcod से पीड़ित फीमेल्स में तनाव और चिंता का स्तर ज्यादा होता है, योग चिंता को कम करने में मदद कर तनाव को दूर करता है । योग करने से बॉडी लाचिला होता है, और मासपेशियों को मजबूत बनांये रखने में मदद करता है । योगासन शरीर के होर्मोमल संतुलन को बनांये रखने में मदद करता है , जो pcod को ठीक करने में ठीक करने में मदद करता है । प्राणायाम, सूर्य नमस्कार, बालासन, भुजंगासन, धनुरासन, अर्धमत्स्यासन, वीरभद्रासन, उत्तानपादासन आदि योगासन पीसीओडी के रोगियों के लिए लाभकारी हो सकते हैं।
pcod होम एक्सरसाइज
यदि आपको pcod है, और इसे कम करना चाहते है तो बेहतर यही होगा की अपने नजदीकी gym में ज्वाइन करके एक्सरसाइज शुरू करे दे । किसी अनुभवी व सर्टिफाई ट्रेनर से सलाह लेकर या उनके अन्दर में ट्रेनिंग ले, अगर कोई कारण से आप gym ज्वाइन नहीं कर सकते या आप जहा रहते है या वहा gym की सुविधा नहीं है, तो ऐसे में आप घर पर अपने बॉडी के हिसाब से सूर्य नमस्कार, बालासन, भुजंगासन, धनुरासन, अर्धमत्स्यासन, वीरभद्रासन, उत्तानपादासन आदि कर सकते है योगासन । कार्डियो वर्कआउट, जैसे तेज चलना या प्लेंक, बर्फी, मौटन क्लेम्बिंग, जम्पिंग जैक, कर सकते है , जो कैलोरी बर्न करने में मदद करते है। इसके साथ ही पुशअप्स, पुलअप्स, स्क्वाट्स, लंजेस, डम्बल फ्लाई , इत्यादि कर सकते है , ध्यान रहे अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार एक्सरसाइज करे ।
pcod बेस्ट एक्सरसाइज- जानिए pcod में कौन सा एक्सरसाइज करनी चाहिए ये पर लिखी गई ये आर्टिकल आपको पसंद आया होगा , अगर आपको लगता है आपको pcod है तो बिना देर किये हुए डोक्टर या gym ट्रेनर से सलाह लेकर एक्सरसाइज शुरू करे और pcod- pcos के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमे फॉलो करे
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